उत्तराखंड- हल्दवानी- सरकार पूरे देश को डिजिटलाइजेशन और नेट बैंकिंग की सुविधा को अपनाने पर जोर दे रही है. सरकार के मुताबिक, ये सुविधा जेब में पैसे लेकर घूमने से ज्यादा आसान है. नेट बैंकिंग के जरिये आप कहीं भी, कभी भी अपने फोन के जरिये आसानी से भुगतान कर सकते हैं. तो वहीं कुछ शातिर लुटेरे इसे अपनी जेब भरने का भी आसान जरिया समझ रहे हैं. देश जैसे-जैसे डिजिटल हो रहा है, वैसे ही देश में साइबर क्राइम की घटनाएं भी बढ़ रही है.

अगर आप ऑनलाइन लेनेदेन करते हैं, तो ये खबर आपको सावधान करने वाली है. जोशी विला, भोटिया पड़ाव निवासी कंचन जोशी के मुताबिक उन्होंने 5 जनवरी को अपने किसी परिचित को ऑनलाइन पेमेंट ऐप के जरिए 1200 रुपये भेजे. पैसे भेज दिए गए थे, लेकिन पैसे परिचित के अकाउंट में न पहुंचने पर उन्होंने कस्टमर केयर का नंबर हासिल किया और जानकारी मांगी.

फोन पर कहा गया, कि उन्हें ऐप के जरिए के लिंक भेजी जाएगी, जिस पर क्लिक करते उन्हें तुरंत ही उनकी रकम वापस मिल जाएगी. लेकिन कंचन के मुताबिक लिंक पर क्लिक करते ही उनके खाते से 2.26 लाख रपये गायब हो गए.
कस्टमर केयर को वापस फोन किया, तो पैसा वापस देने का आश्वासन दिया गया. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कंचन जोशी ने इसकी रिपोर्ट कोतवाली पुलिस में की, जिसके बाद अज्ञात पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है.
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